मुंबई नाव वीडियो वायरल
मुंबई में कंटेंट क्रिएटर ने नाव से किया सफर, वायरल वीडियो में दिखी कॉर्पोरेट कर्मचारियों की सच्चाई
मुंबई, 20 अगस्त 2025 – देश की आर्थिक राजधानी एक बार फिर भारी बारिश के बाद जलमग्न हो गई है। लेकिन इस बार बारिश की मार पर एक अनोखा दृश्य सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। वायरल हो रहे इस वीडियो में एक कंटेंट क्रिएटर नाव में बैठकर पानी से लबालब भरी सड़क पर सफर करता दिखाई देता है। मज़ाकिया लहजे में बनाया गया यह वीडियो दरअसल शहर के हजारों कॉर्पोरेट कर्मचारियों की रोज़ाना की जद्दोजहद को उजागर करता है।
वीडियो को इंस्टाग्राम पर आर्यन कतारिया नामक कंटेंट क्रिएटर ने पोस्ट किया है। उन्होंने कैप्शन में लिखा – “Only way to travel in Mumbai”। वीडियो में आर्यन एक छोटी नाव में बैठकर क्रिकेट बैट से उसे चलाते दिख रहे हैं, जबकि कुछ बच्चे नाव को धक्का दे रहे हैं। चारों तरफ पानी ही पानी है – सड़कें, फुटपाथ, दुकानें सब पानी में डूबे हुए हैं।
सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया
वीडियो को अब तक 6 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है और 3 लाख से ज्यादा लोग इसे लाइक कर चुके हैं। लोग इसपर जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कई यूज़र्स ने लिखा – “ये सीन मुंबईकर की रियल लाइफ है”, तो कुछ ने इसे “मोबाइल वर्क-फ्रॉम-बोट” कहकर शेयर किया।
जहां एक ओर वीडियो ने लोगों को हँसाया, वहीं दूसरी ओर इसने मुंबई की पुरानी और गंभीर समस्या – जलभराव – पर फिर से बहस छेड़ दी है। हर साल मानसून के दौरान मुंबई में यही स्थिति बनती है, लेकिन समाधान आज भी नदारद है।
कॉर्पोरेट कल्चर पर करारा व्यंग्य
आर्यन कतारिया का यह वीडियो सिर्फ एक मनोरंजन नहीं, बल्कि कॉर्पोरेट दुनिया पर एक करारा व्यंग्य है। भारी बारिश, ट्रैफिक जाम और लोकल ट्रेनें रुकने के बावजूद कर्मचारियों से समय पर ऑफिस पहुँचने की अपेक्षा की जाती है।
हाल ही में एक और घटना वायरल हुई थी, जहां एक महिला कर्मचारी ने बारिश के कारण वर्क फ्रॉम होम की मांग की, लेकिन बॉस ने मना कर दिया। जवाब में उसने लिखा – “Okay, resign.” यह दो शब्दों का उत्तर सोशल मीडिया पर कॉर्पोरेट कर्मचारियों की आवाज़ बन गया।
शहर की सड़कों पर तैरती ज़िंदगी
मुंबई में पिछले दो दिनों से जारी भारी बारिश ने सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बोरिवली, अंधेरी, सायन, चेंबूर और कुर्ला जैसे क्षेत्रों में पानी भरने से यातायात पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। लोकल ट्रेनें कई रूट्स पर रद्द कर दी गई हैं, बस सेवाएं बाधित हैं और कई स्कूल-कॉलेज बंद करने पड़े हैं।
आर्यन के वीडियो में दिख रहा नाव का सफर कहीं न कहीं उन हजारों लोगों का प्रतिनिधित्व करता है जो हर दिन मौसम से लड़ते हुए ऑफिस पहुँचते हैं – ना सिर्फ ज़िम्मेदारी निभाने के लिए, बल्कि रोज़गार बचाने के लिए।
शब्दों से ज़्यादा असरदार दृश्य
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस प्रकार की क्रिएटिव अभिव्यक्तियाँ सिर्फ सोशल मीडिया ट्रेंड नहीं होतीं, बल्कि वे प्रशासन को आइना दिखाने का काम भी करती हैं।
वरिष्ठ शहरी योजनाकार विकास जोशी कहते हैं, “जब युवा इस तरह के वीडियो बनाते हैं, तो वह केवल मनोरंजन नहीं होता। यह प्रशासन के लिए चेतावनी होती है कि अब जनता मुद्दों पर चुप नहीं रहेगी।
अब सवाल उठता है – समाधान कब?
मुंबई में हर साल मानसून के दौरान जलभराव की समस्या सामने आती है। करोड़ों रुपये की योजनाएँ बनने के बावजूद सुधार नज़र नहीं आता। आर्यन का यह वीडियो प्रशासन, नीति-निर्माताओं और नगर निगम के लिए एक सवाल है – “कब तक मुंबईकर नाव चलाकर ऑफिस जाएंगे?”
निष्कर्ष
आर्यन कतारिया का यह वीडियो न सिर्फ वायरल हुआ है, बल्कि एक सामूहिक अनुभव को अभिव्यक्ति दी है। यह हँसी के साथ-साथ हकीकत भी है – एक ऐसा कटाक्ष जो गहराई से चुभता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस तरह की आवाज़ें केवल सोशल मीडिया तक सीमित न रहें, बल्कि नीति-निर्माण की प्रक्रिया में भी गूंजें।